May 29, 2007

महासागर

पानी एक चलता रहता है
नदी मेँ,
पानी एक रुका रहता है
तालाब मेँ,
दोनो तो आये थे आसमान से
पर ये क्या हुआ,
एक तो रहगया थम के,
एक पहुंच गया
बहते बहते
सागर मेँ
महासागर मेँ...

4 comments:

Udan Tashtari said...

बहुत गहरे भाव हैं, बधाई.

डाॅ रामजी गिरि said...

खूबसूरत अभिव्यक्ति है.

डाॅ रामजी गिरि said...

खूबसूरत अभिव्यक्ति है.

Sharma ,Amit said...

What would like to say it:
1:Luck 2:Nature 3: Circumstances’