May 31, 2007

एहसास

ख़याल की एक जात होती है,
कुछ ख़याल जातीय होते है,
कुछ बातें शब्दों से नहीं होती,
कुछ बातों के लिए शब्द नहीं होते।

बस महसूस किया जाता है ,
एहसास हमेशा जिंदा रहते है ...

May 29, 2007

महासागर

पानी एक चलता रहता है
नदी मेँ,
पानी एक रुका रहता है
तालाब मेँ,
दोनो तो आये थे आसमान से
पर ये क्या हुआ,
एक तो रहगया थम के,
एक पहुंच गया
बहते बहते
सागर मेँ
महासागर मेँ...

May 25, 2007

आयना

आज बहुत दिनों बाद देखा आयना,
अजीब सा लगा,
वो जो रोज कहता था,
कुछ भी असंभव नही है,
वो कहने लगा ये असंभव है ।

मुझे खुद को पहचानना
मुश्किल हो गया है अब,

आयाने का क्या कसूर

May 12, 2007

हर शाम कहती है

Click the image for a larger
हर में दफ्न हो जाता है
एक दिन जो जी लिया।
हर शाम कहती है;
कि आगे एक दिन और है।


ज़रा थम जा;
आराम करले,
लंबी रात बाक़ी है।

देख ले एक सपना,
क्या पता
कल की सुबह
सच
हो जाये...

May 06, 2007

एक

एक है जो ख़त्म हो रही है;
"जिंदगी"
एक है जो बड़ रही है;
"उम्र"
एक जो बन रहे है; बिगड़ रहे है;
"रिश्ते"
एक है जो चल रहा है;
"वक़्त"

जिंदगी, उम्र, रिश्ते, वक़्त,
सब ताने-बाने है।

वो जो एक है ;
वो हम है।
जो हमेशा
एक और अकेले ही
रुखसत होंगे।

6 मई 2007

May 05, 2007

बेबसी

कल को देखा,
समझ ना पाया।
आने वाले कल को
समझना है,
इसलिये आज से लड़ता हूँ
;
अपने आप से लड़ता हूँ ।
पर ये
वक़्त्त कम्बख्त
साथ नही देता।
मै तो चलना चाहता हूँ ;
पर ये
हाथ नही देता।


5 मई 2007

May 03, 2007

साइंस

विज्ञान ने साधन इतने दिए है
कि मीलों दूरी का फासला भी
एक सेकेंड का हो गया है ।
किसी से बात करना तो क्या हम
अब देख भी सकते है ।
पर ये क्या हुआ हमारे ज्ञान को,
हम नजदीक होकर भी दूर होते जा रहे है ।
ये कैसे फ़ोन है ; ये कैसे ईमेल
जो नही पहुंच पाते दिल तक,
उन तक जो सदा करीब रहे
दूर रहकर भी ,
जो दूर है करीब रहकर भी ।

May 02, 2007

आँगन

एक सपना देखा था
कि एक आँगन हो अपना,
जिसमे बचपन खेले

मेरे
आने वाले कल का।
आज एक हकीकत देखी,
मेरा सपना खेल रह था
फर्क बस इतना था ;
पडोसी का था 'आँगन'.

May 01, 2006

शुरुआत

साथ था सबका
तब भी अकेला था,
आज अकेला हूँ
तो साथ है जिम्मेदारियों का,
जिनके बारे में
मैंने कभी नहीं सोचा.
आज शून्य पे खड़ा हूं
और देख रहा हूं
मंजिल तक पहुंचने के
कई मील के पत्थर‍ ।
आज खोने को कुछ नहीं हैं
सिर्फ पाना हैं.
एक एक कदम
अपनी दम पे उठाना हैं ।

April 06, 2006

भीड़

ऐ खुदा दुश्‍मनों की तादात अच्‍छी देना,
कि कोशिश करता रहू
कोई दोस्‍त मिल जाये
और ये कोशिश कभी खत्‍म ना हो.

आये दिन एक रिश्‍ता हरियाता है,
आये दिन एक रिश्‍ता फीका पड जाता है.

March 08, 2006

उम्‍मीद

सपने सच होते है गर
दिल से देखे जायें,
सपने सच होते है गर
उनपे काम किया जाये,
सपने सच होते है गर
उम्‍मीद ना छोडी जाये,

उम्‍मीद ही एक ऐसी चीज है,
जो जिंदा रखती है सपनों को,
वरना हम क्‍या, हमारी जात क्‍या.
सपना खुद सपना हो जाता है,
जब उम्‍मीद का दामन छूट जाता है.

March 07, 2006

याद

व़क्‍त तो चलता रहता है और
हर कदम एक याद का ज़ख़्म
छोड जाता हैं,
जो ज़िन्दगी के साथ हरियाते है,
हम सहलाकर इन्‍हे
कुछ हल्‍का कर लेते है मन,
वरना मन का क्‍या
वो तो चंचल है,
चलता रहता है.

February 11, 2006

बचपन

व़क्‍त लगा है बडा होने में,
व़क्‍त लगा बढने में
और ये व़क्‍त फिर खडा है
मेरे सामने।
मेरा बचपन फिर आया है,
पर व़क्‍त नही है
इसे जीने का।
इसके लिये अब
जीना (सीडी) बनना है,
इस व़क्‍त में वो जीना है,
जो मै ना जी सका
अपने व़क्‍त मै।

घर

घर से दूर
एक घर की तलाश है ।
घर नही मिल रहा,
दीवारे मिल रही है ।
बहुत मेंहगीं हैं,
लाखों में है मोल इनका।
पर पता नही ये
कितना अपना होगा,
कितना घर होगा,
कितना घर से दूर होगा...

October 27, 2005

Mera Kona


कर्म भूमि है
ये मेरी
जहा मै करता हू
ऱोज जद्दोजहत
काम से.
अपने आप से..
वक्त से...
और
जिन्दगी से......